‘डाकू’ मलखान सिंह की ललकार,सरकार कहे तो 700 बागियों के साथ पाकिस्तान पर कर दूं चढ़ाई
कानपुर — 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए आतंकी हमले के बाद जहां पूरा देश गमगीन है और भारत की जनता सरकार से पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रही है।
वहीं इस बीच चंबल के शेर कहे जाने वाले दस्यु सरगना मलखान ने कहा है कि वह अपने 700 साथियों के साथ पाक से जंग लड़ने को तैयार हैं।
डाकू मलखान ने पाकिस्तान खिलाफ ललकार भरते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में 700 बागी बचे हैं। अगर सरकार चाहे तो बिना शर्त, बिना वेतन हम बॉर्डर पर देश के लिए मर मिटने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, 15 साल बीहड़ों में कथा नहीं बांची है। मां भवानी की कृपा रही, तो मलखान सिंह का कुछ नहीं बिगड़ेगा। हां, पाकिस्तान को जरूर धूल चटा दूंगा।उन्होंने कहा गांव व जिले का बागी रहा हूं। देश का नहीं।
दरअसल मंगलवार को डाकू मलखान सिंह पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने कानपुर पहुंचे थे।इस दौरान मलखान सिंह ने कहा, पुलवामा में हुए आतंकी हमले का सरकार को बदला जरूर लेना चाहिए। अगर कश्मीर पर फैसला नहीं लिया गया तो कोई भी राजनीती पर विश्वास नहीं करेगा। पाकिस्तान में घुस कर उसकी धज्जिया उड़ाने का वक्त आ गया है। एक या दो आतंकियों को मारने में हमारे देश के 5 जांबाज शहीद हो गए।
मलखान ने कहा कि, बीहड़ में मेरा इतिहास बहुत ही साफ सुथरा रहा है। महात्मा बहुत सच्चे होते हैं, लेकिन बागियों का इतिहास ठोस रहा है, इतना तो साधु संतो का भी नहीं रहा है। साधू तो घेरे में आ चुके हैं। जेल में पड़े हैं। कुकर्म में पड़े हुए हैं। लेकिन बागियों के विषय में कोई बता दे? हम गांव और जिले के बागी रहे पर देश के बागी कभी नहीं हुए। मलखान सिंह ने कहा, मैंने 1982 में आत्मसमर्पण किया था। यह आत्मसमर्पण इंदिरा गांधी की परमीशन पर हुआ था।