बाराबंकी का एक साधारण किसान ‘स्ट्राबेरी’ की खेती से हुआ मालामाल 

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बाराबंकी  — यूपी के बाराबंकी जिले में शुरू हुयी स्ट्राबेरी की खेती में इस बार चमत्कार हो गया जब एक साधारण किसान को उम्मीद से भी ज्यादा अपने खेतों में स्ट्राबेरी पैदा हुई है। पैदावार देख खेत पर देश के अलग-अलग हिस्सों से किसान और कृषि वैज्ञानिक भी स्ट्राबेरी की खेती देखकर हैरान रह हैं।

यहीं नहीं बाराबंकी जनपद से लखनऊ की मंडियों और बड़े-बड़े मालों में पहुंच रही ताजी स्ट्राबेरी लखनऊ फ़ार्म फ्रेस के नाम से मार्केट में पहुंचते ही फ़ौरन बिक जा रही है। 

दरअसल उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले की तहसील नवाबगंज से 15 किलोमीटर दूर स्थित ब्लाक हरख का ये वही गाँव बर बसौली है जहां एक साधारण खेती करने वाले किसान सतेंद्र वर्मा ने स्ट्राबेरी की खेती से न सिर्फ जनपद में किसानों और अधिकारियों को आश्चर्य चकित कर दिया बल्कि प्रदेश और देश के दूर दराज के किसानों को भी स्ट्राबेरी की जबरदस्त पैदावार कर सबको हैरत में डाल दिया है।

बता दें कि सतेंद्र वर्मा ने इस बार उन्होंने तीन एकड़ के लगभग स्ट्रॉबेरी लगाई हुई उनकी माने तो कुल लागत 12 लाख रुपये हैं और इससे उन्हें मुनाफा लगभग 14 लाख होने वाला हैं। स्ट्राबेरी किसान सतेंद्र वर्मा के चेहरे पर आज वो मुस्कान दिख रही है शायद पहले कभी नहीं दिखती थी। स्ट्राबेरी से उन्हें उम्मीद से ज्यादा मुनाफा मिला है पिछले वर्ष साढ़े चार से पांच लाख रूपये लगाकर ग्यारह लाख रूपये स्ट्राबेरी से निकाल चुके है ,लेकिन सबसे बड़ी हैरानी की बात तो ये है की इस वर्ष इनका आंकड़ा लगभग 28 से 30 लाख रुपये कुल मिलने की संभावना हैं ।

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मार्च के आख़िरी महीने में ज्यादातर स्ट्राबेरी की फसल सभी जगह ख़त्म हो गयी है और मार्केट में भी आनी बंद हो गयी है लेकिन सतेंद्र वर्मा की स्ट्राबेरी उनके खेतों से इस समय निकलती हैं ,जिससे उन्हें और भी मुनाफा होता है,  उन्होंने कहा फसल तो सिर्फ छ महीने तक ही रहती है लेकिन उनकी फसल पूरे सात महीने तक खेती में बनी रहती है। उन्होंने मीडिया को धन्यवाद देते हुए बताया की उनकी खबर से लोंगो को रोजगार मिल रहा हैं  और उन्हें देश प्रदेश में एक अलग पहचान मिली है ।लगातार किसानों के साथ साथ बड़े बड़े अधिकारी भी उनके खेत पर स्ट्राबेरी देखने आते है।

 

जानकारी देते हुए वो आगे बताते है की कम्पनिया उन्हें एवरेज में पिछले वर्ष 80 कुंतल पैदावार होने की बात बता रही थी लेकिन उनके खेती में एवरेज 100 कुन्टल के पार पहुंच गयी थी यही सैकड़ा इस बार भी हैं हैरानी की बात है की डेढ़ एकड़ में पिछले वर्ष 140 कुन्टल स्ट्राबेरी निकल कर मार्केट में जा चुकी है और बाद में लगभग 15 कुन्टल के आसपास खेतो से निकली है।

खुशी से फूले नहीं समा रहे सतेंद्र का कहना है शुरुआत में उन्हें सबसे ज्यादा साढ़े तीन सौ रूपये प्रति किलो की दर से मार्केट रेट मिल और बीच में सबसे कम  रेट उन्हें 60 से 70 रूपये प्रति किलो स्ट्राबेरी के दाम मिले लेकिन अब फिर महज दाम पर स्ट्राबेरी बिकनी शुरू हो गयी है जिससे मुनाफा और भी बढ़ने वाला है इस बार उनकी स्ट्राबेरी 300 सौ रूपये किलो बिक रही हैं शुरुआत में 500 रुपये किलो तक स्ट्रॉबेरी बिकी है। 

स्ट्राबेरी की खेती से जहां किसान सतेंद्र वर्मा मालामाल हो गए है वही गाँव में दर्जनों  बेरोजगार परिवारों को गाँव में ही रोजगार मिल गया है जिससे अब उन्हें भी दूसरो के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ता है। इस बार सतेंद्र ने 30 लाख रुपये अपने खेतों से निकलने की उम्मीद लगाए हुए हैं।

(रिपोर्ट-सतीश कश्यप बाराबंकी)

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