आगरा की बेटी ने ‘वर्ल्डकप’ में साथा गोल्ड पर निशाना
आगरा — उत्तर प्रदेश के आगरा आगरा की बेटी व ‘लेडी एकलव्य’ कही जाने वाली सोनिया शर्मा ने देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। वर्ल्ड शूटिंग में भारत को गोल्ड दिलाकर सोनिया ने नया कीर्तिमान रच डाला है।
बता दें कि आगरा के बल्केश्वर की रहने वाली सोनिया ने अपनी साथी एमपी की रुबीना और दिल्ली की पूजा के साथ मिलकर फाइनल में गोल्ड हासिल किया है। सोनिया के कोच विक्रांत ने बताया कि सोनिया ने 40 शॉट के मैच में 26 देशों के पैरा शूटरों को हराकर गोल्ड हासिल किया है।भारत ने 6 से 13 नवम्बर तक थाईलैंड में होने वाले शूटिंग वर्ल्डकप में सोनिया को मौका दिया था और यहां उन्होंने पैरा कैटेगिरी में 10 मीटर एयर पिस्टल के लिए प्रतिभाग किया था।
यहां उन्हें 40 शॉट के मैच में टॉप एट में जगह बनाकर फाइनल में पहुंचना था। फाइनल पहुंचने के बाद हरेक सीरीज में तीन निचले स्कोर वालो को डिस्क्वालिफाई होना था और आखिरी तीन को स्कोर के अनुसार कांस्य, रजत और स्वर्णपदक मिलना था। जहां सोनिया और उनकी साथी रुबीना व पूजा ने संयुक्त मुकाबले में बाजी मारते हुए भारत को संयुक्त रूप से गोल्ड मेडल दिलवाया है। सोनिया ने 400 में 357 और रुबीना ने 356 व पूजा ने 358 का स्कोर कर भारत को सोना जीत कर दिया है।
बता दें कि ‘लेडी एकलव्य’ सोनिया ने अपना जीवन ही दाएं हाथ के बिना शुरू किया था। पिता की लगन और बेटी की मेहनत ने उन्हें ऐसा नायाब निशानची बना दिया कि भारत ने 6 से 13 नवम्बर तक थाईलैंड में होने वाले शूटिंग वर्डकप में उसे मौका दिया। सोनिया यहां 10 मीटर एयर पिस्टल में पैरा इवेंट में भाग लेने गयीं थी। इससे पहले फरवरी में दुबई में हुए विश्वकप में सोनिया ने छठा स्थान प्राप्त किया था।
गौरतलब है कि सोनिया दस मीटर एयर पिस्टल में पैरा शूटर्स में भारत में दूसरी रैंकिंग पर हैं। सोनिया ने बताया की इंटरनेशनल के लिए उनके पास इटली की पिस्टल है और पूरी किट है। एक महीने का प्रेक्टिस का खर्च करीब 6 हजार हो जाता है जो जीजा जी और माँ कैसे भी पूरा करते हैं। बता दें कि सोनिया के पिता ने अपनी बीमारी का इलाज न करवा कर सोनिया को पिस्टल दिलाई थी और उसका सपना था कि वो भारत को सोना जीतकर लाकर दे।
सोनिया ने बताया कि वह पिछले वर्ल्डकप में कई गलतियों की लेकिन बहुत कुछ सीखा है और इस बार मैने बहुत मेहनत की थी। इस बार में भारत के लिए गोल्ड लाकर अपना देश का और सबसे ज्यादा अपने पिता का सपना पूरा कर पायी हूं, अभी भी मैं रुकूंगी नहीं बल्कि देश का नाम आगे बढ़ाने के लिए खेलती रहूंगी।