शहीद राजेश यादव का पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गाँव, अंतिम विदाई देने को उमड़ी भीड़
एटा–देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले एटा के वीर शहीद राजेश यादव का पार्थिव शरीर जनपद एटा के थाना जलेसर के उनके पैतृक गाँव रेजुआ नगला केला में पहुँचा।
शहीद राजेश यादव जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीमा पार से ना पाक पाकिस्तान की ओर से की गयी फायरिंग में शहीद हो गये। शहीद राजेश यादव एटा के जलेसर कोतवाली क्षेत्र के रेजुआ,नगला केला गॉंव के रहने वाले थे। जैसे ही उनके पैतृक गांव में उनका शव पहुँचा तो अपने शहीद लाल को देखने के लिए हजारों की संख्या में जन सैलाब उमड़ पड़ा और लोगो का हुजूम लग गया, और देखते,ही देखते हजारो की संख्या में लोग उनको अन्तिम विदाई देने के लिए पहुँच गए और क्षेत्रीय विधायक संजीव दिवाकर सहित जिले के अधिकारी एडीएम प्रशाशन धर्मेन्द्र सिंह व एसपी क्राइम ओपी सिंह भी पहुच गए है। वही स्थानीय लोग उनकी पुरानी यादों को साझा करते हुए उनकी वीरता के चर्चे करते दिखे। वही लोग बताते है कि वो बहुत ही मधुर और सौम्य स्वभाव के वियक्ति थे और उनमें बड़ो की इज्जत करना, छोटो से प्यार करना ये उनके स्वभाव में था और लोग बताते है कि उनकी बचपन से ही देश के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना रखने वाले राजेश यादव आज नही रहे ये सुनकर उनके परिजन व ग्रामीणों को भरोसा ही नही हो रहा है वो कह रहे है कि उनका लाल शाहीद होकर अमर हो गया है।
शहीद की उपेक्षा पर भड़के लोग, जमकर की तोड़फोड़
वही अगर उनके पिता को अपने इकलौते बेटे की शहादत पर उन्हें गर्व है और वो अपने शहीद बेटे की पत्नी स्वेता के गर्भ में पल रहे अपने नाती को भी वो देश सेवा करने के लिए वो भेजने की बात कर रहे है देखिए एक शहीद के पिता का दिल। और उनको अपने बेटे को शहीद होने पर गर्व है, लेकिन ये सच है कि उनकी भुढापे की लाठी अब टूट गई और फिर वो अपने आशु रोक नही पाये और वो अपने लाल की चर्चा करते,करते टूट गए है।
पूरे क्षेत्र में मातम पसर गया। और पिता को अपने बेटे की शहादत पर गर्व और नाज तो है पर इकलौते बेटे को खोने का भी गम कम नही है और उन्होंने अपने गम को अंदर समेटकर कहा कि परिवार के पॉंच बहनों में वो लड़ैता अकेला भाई था और उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गाँव रेजुआ के नगला केला में राजकीय सम्मान के साथ थोड़े ही देर में किया जाएगा।
(रिपोर्ट- आर. बी. द्विवेदी, एटा )