तहसीलदार से विवाद में जेल गये पूर्व विधायक, जनता की नजर में हैं नायक

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बहराइच–बीते दिनों नानपारा तहसील में तहसीलदार से मारपीट के साथ ही सरकारी कार्य मे बाधा पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजे गये पूर्व विधायक व मौजूदा भाजपा विधायक के पति दिलीप वर्मा को भले ही  जिला प्रसाशन खलनायक मान रहा हो। 

लेकिन जिले की जनता के बीच वो उनकी छवि नायक के रूप में होने के साथ ही आमजन के लिये लड़ने वाले जुझरु नेता के तौर पर रही है । उनके जेल जाने के बाद से लोग उनके ऊपर की गयी कार्यवाही को एकतरफा बताते हुये तहसीलदार के खिलाफ भी कार्यवाही करने की मांग कर रहे हैं । खुद भाजपा विधायक ने भी प्रसाशन की कार्यवाही पर सवाल खड़े करते हुये पूर्व विधायक की तहरीर पर मुक़दमा दर्ज न करने को लेकर नाराजगी जताते हुये पूरे मामले से मुख्यमंत्री को अवगत कराने की बात कही है । 

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मारपीट प्रकरण में गिरफ्तार कर जेल भेजे गये पूर्व विधायक दिलीप वर्मा भले ही अक्सर विवादों में रहे हो लेकिन जनता के बीच उनकी छवि एक ऐसे नेता के रूप में है। जो हमेशा क्षेत्र के लोगों व समर्थकों के लिये  संघर्ष करने के साथ ही उनके सुख दुख में हमेशा भागीदार रहे। इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं  कि वो तीन बार जिले की महसी विधानसभा से सपा के  विधायक रहे। इसी बीच कोर्ट ने एक पुलिस कर्मी को पीटने के आरोप में उन्हें दोषी करार दे दिया जिससे वो खुद चुनाव लड़ने से वंचित हो गये । लेकिन इसके बावजूद आमजन में उनकी पकड़ कम नही हुयी । सपा से मोहभंग होने के बाद उन्होंने अपनी पत्नी माधुरी वर्मा को बसपा के टिकट पर विधान परिषद का चुनाव लड़ाया जिसमे उन्हें जीत हासिल हुयी । जनता के बीच मे उनकी लोकप्रियता का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपनी पत्नी को कांग्रेस के टिकट पर अपना गृह क्षेत्र महसी को छोड़कर नानपारा विधानसभा से चुनाव लड़ाते विषम परिस्थितियों में भी उन्हें जीत दिला दी थी। मौजूदा समय में माधुरी वर्मा इसी विधानसभा से भाजपा की विधायक है। 

पूर्व विधायक पर हुई कार्यवाही से इलाके के लोगों में जिला प्रसाशन के साथ ही भाजपा सरकार के प्रति नाराजगी देखने को मिल रही है । 

सोशल मीडिया पर लोग उन्हें जन हितैषी बताकर आम लोगों के लिये लड़ने वाले नेता के रूप में प्रचारित कर रहे हैं । अगर मौजूदा हालात की बात करें तो लोगों की नाराजगी अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान सत्ताधारी पार्टी के लिये जिले में मुसीबत खड़ी कर सकती है।

(रिपोर्ट- अनुराग पाठक, बहराइच )

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