कूड़ा गाड़ी में GPS लगने से इस तरह बचे 15 दिन में 23 लाख रुपये

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लखनऊ — कूड़ा ढोने वाली नगर निगम की आधी गाड़ियों में जीपीएस लगते 15 दिन में ही खजाने में 23 लाख रुपये की बचत हुई। इससे कर्मचारियों की तनख्वाह दी जा सकी। यह बताने के लिए पर्याप्त है कि नगर निगम में कूड़ा ढोने के लिए लाखों रुपये का तेल कहां जा रहा था। नगर आयुक्त के निर्देश पर टेस्टिंग के तौर पर लगवाए गए जीपीएस को हर गाड़ियों में फिट कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए 15 दिन की टाइम लिमिट भी तय की गई है। 

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नगर आयुक्त उदयराज सिंह ने बताया कि तेल चोरी किए जाने की कई शिकायतें मिली थीं। अप्रैल में कुछ ड्राइवरों को पकड़ा भी गया था। इसके बाद ही हमने शासन से जीपीएस लगाने के लिए प्रस्ताव भेजा, जिसे मंजूरी मिल गई। 15 दिन पहले 168 बड़ी गाड़ियों में जीपीएस लगवाया तो गड़बड़ी रुक गई। गाड़ियों की क्षमता में बढ़ोतरी भी हुई और उनकी मॉनिटिरिंग भी ऑनलाइन हो रही है। उम्मीद है कि अगले महीने से चोरी पूरी तरह से रुक जाएगी। 

नगर निगम में पिछले दो माह से डीजल के बिलों में एक करोड़ रुपये के करीब की बढ़ोतरी हुई है। इसपर नगर आयुक्त उदयराज सिंह ने बिलों के भुगतान पर रोक लगाते हुए जांच के निर्देश दिए थे। मामले की जांच अपर नगर आयुक्त नंदलाल सिंह के पास है। सूत्रों की माने तो डीजल चोरी आरआर विभाग के अफसरों की मिलीभगत से की जा रही थी। गाड़ियों से डीजल चुराकर बेचा जा रहा था। 

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