56 इंच के सीने वाली सरकार रूपये की कमज़ोरी पर ख़ामोश क्यों?
*तौसीफ़ क़ुरैशी*
लखनऊ–आज कल देश के रुपए की कीमत लगातार गिरती जा रही है,लेकिन भारत की 56 इंच का सीना होने का डंका बजाने वाली मोदी सरकार रूपया कैसे मज़बूत हो इस पर कोई ठोंस योजना बनाती नही दिख रही है।
यही वह लोग है जब यूपीए सरकार हुआ करती थी तो यह कहते थे कि जैसे-जैसे डॉलर मज़बूत और रूपया गिरता है तो साख गिरती है। अब यही लोग रूपया गिरने व डॉलर के मज़बूत होने पर ऐसे-ऐसे तर्क कुतर्क देती है कि सुनने वाले भी शर्म से खुद ही शर्मशार हो जाए पर इस सरकार पर कोई फ़र्क़ नही पड़ रहा है और रूपया अब तक के इतिहास का सबसे कमज़ोर बनने पर विवश हो रहा है। डॉलर के मुकाबले रुपया बढ़ता जा रहा है। रुपए की कीमत इतनी कम कभी नहीं हुई है। आपको बता दें कि वैसे तो अमेरिका पूरे दुनिया में अपना रौब जमाता ही रहता हैं।डॉलर की मज़बूती की वजह से ही अमेरिका एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में उभर कर आया और आज पूरी दुनिया उसके आगे झुकते हैं, वह अपनी हिटलरशाही नीतियों को थोपता चला आ रहा है। यही वजह है कि उसने हमारे देश के गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में आने के दावतनामे को ठुकरा दिया है। मैं उनसे यह सवाल पूछना चाहता हूँ जो ट्रम के जीतने के लिए हवन पूजा का आयोजन करा रहे थे मूर्ख थे वो लोग जो उनकी जीत के लिए या जीतने के बाद जश्न मना रहे थे। अमेरिका दुनियाँ के लिए सही नही है यह बात दुनियाँ जितनी जल्दी समझ जाए उतना ही बेहतर होगा।
अमेरिका आर्थिक दृष्टिकोण से खुद को सबसे ज्यादा मजबूत समझता है जबकि उसकी यह भूल है और सिर्फ अमेरिका ही नही हम जैसे बहुत से भी अमेरिकी डॉलर को हो सबसे मजबूत मुद्रा समझते हैं। आज हर कोई चाहता है कि उसका संबंध कम से कम अमेरिका के साथ अच्छे रहे। लेकिन बदलाव ही प्रकृति का नियम है। दुनिया भर में कुछ ऐसे देश भी है जिनकी करेंसी के आगे अमेरिकी डॉलर भी फेल है। तो आईये जानते है कुछ ऐसे ही देशों का नाम जिनकी करेंसी के सामने नही टिक पाती अमेरिका की करेंसी।कुवैत की बात करते है कुवैती दीनार (KUWAITI DINAR) इस लिस्ट में कुवैत की करेंसी पहले नंबर पर आती हैं।आपको बता दे दुनिया की सबसे महंगी मुद्रा कुवैत की दीनार हैं। एक दीनार करे तो यह 3.32 डॉलर के बराबर होती है। वही अगर हम इसे भारतीय मुद्रा से तुलना करे तो एक दीनार 222 रूपये का होता है।बहरीन की बात करते है बहरीन दीनार *(BAHRAIN DINAR)* दुनिया की मजबूत करेंसी में बहरीन ने भी अपनी जगह बना रखी है। एक बहरीन दीनार 2.65 अमेरिकी डॉलर के बराबर बैठता है।
वही अगर भारतीय रुपये से तुलना की जाए तो एक बहरीन दीनार 177.55 भारतीय रूपये के बराबर हैं।अब बात ओमान के ओमानी रिअल की करते है *(OMANI RIAL)* वहीं आखरी नंबर यानी तीसरे नंबर के साथ ओमान ने भी अपनी जगह बना रखी है। एक ओमानी रियल $2.60 डॉलर के बराबर होता हैं। वही अगर हम ओमान की मुद्रा से भारतीय मुद्रा की तुलना करे तो एक रियाल 174.02 रूपये के बराबर होता हैं। तो जब इन देशों की करेंसी डॉलर के मुक़ाबले मज़बूत हो सकती है तो हमारी क्यों नही मानता हूँ बहुत जटिलताएँ होगी पर नही हो पाएगा ये नही मानता हूँ हमें प्रयास करने चाहिए कि हम डॉलर को कमज़ोर कर देंगे पर नही यहाँ तो हम हिन्दु-मुसलमान में उलझे रहते है इससे हटे तो जातियों में उलझ जाते है यह दलित है यह पण्डित है ठाकुर, जाट,गुज्जर हमें इससे बाहर निकलना होगा जिस दिन हम इन सब बुराइयों से खुद को दूर कर लेंगे मुझे इसका पूर्ण विश्वास है कि हमारा देश दुनियाँ में अपनी ताक़त के आगे सब नतमस्तक होगे पर इसके लिए हमें अपने आपको बदलना होगा तब ही यह संभव हो पाएगा।
मिशन 2019 के आम चुनाव में यही सब मुद्दे होने चाहिए परन्तु हमारी आईडियोलोजी को एक ख़ास संगठन ने मार दिया है हमारी सोचने समझने की क्षमता को दिमक रूपी नागपुरिया सोच ने चाट ली है सबसे पहले हमे उसी सोच को खतम करनी होगी दुनियाँ के वें सभी देश जो अपनी आईडियोलोजी से ही विकसित होने के साथ ही मिशाल बने है कि किस तरह तरक़्क़ी के रास्ते खोले जाते है और हम क्या कर रहे इस पर विचार विर्मश करना होगा,कि हमारा देश दुनियाँ के सामने मज़बूती के साथ खड़ा हो सके ऐसे ही प्रयास करने होगे तभी ये हालात पैदा होगे वरना इसी तरह हम आपस में लड़ते-लडते रह जाएँगे और अमेरिका जैसे चतुर खिलाड़ी हमारी उर्जा का लाभ लेते रहेंगे ओर हम कुछ नही कर पाएँगे।