3 लाख की किडनी को 30 लाख में बेचते थे मानव तस्कर, कानपुर पुलिस ने दबोचा

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कानपुर — उत्तर प्रदेश की कानपुर पुलिस ने फर्जी तरीके से मानव अंगों की खरीद-फरोख्त करने वाले एक गैंग के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. जबकि 6 अन्य सदस्यों की तलाश की जा  रही है.

पुलिस के मुताबिक इस गैंग के सदस्य देश के कई हिस्सों में काम कर रहे हैं, जो गरीब और आर्थिक रूप से परेशान लोगों को बरगला कर उनके किडनी और लिवर के अंगों का सौदा ऊंची कीमतों में करते थे. पुलिस ने बताया कि किडनी और लिवर डोनर मिलने के बाद इनका ट्रांसप्लांट देश के कई नामचीन अस्पतालों में किया जाता था.

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मरीज के परिजनों से प्रति किडनी 25-30 लाख रुपये और लिवर के हिस्सों के बदले 70-80 लाख तक लेने वाले ये शातिर अंगदान करने वाले गरीबों को महज तीन लाख रुपये देते थे.

खुलासे में यह भी मालूम हुआ है कि गैंग के सहयोग से देश के कई बड़े नामचीन हॉस्पिटल व नर्सिंग होम के डॉक्टर भी शामिल हैं. जिनके सहयोग से इंसानी शरीर के अंगों को निकालने व उसके ट्रांसप्लांट का काम किया जाता था. कानपुर पुलिस ने खुलासे के बाद अपनी जांच तेज कर दी है.

दरअसल खुलासा तब हुआ जब बांदा की एक महिला को किडनी बेचने के लिए गाजियाबाद के एक अस्पताल में भेजा गया था. लेकिन फर्जी प्रपत्र बनाने पर वह वहां से चली आई. बाद में गैंग के सदस्य उस पर दबाव बनाने लगे. जिसके बाद बर्रा थाना पुलिस के पास पीड़ित महिला शिकायत लेकर पहुंची. शिकायत की जांच में एक के बाद एक तथ्य खुलते चले गए.

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