संसद हमले की 16वीं बरसी: राजनीतिक लड़ाई भूल एक हुए राजनेता

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नई दिल्ली– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत सभी दलों के नेताओं ने बुधवार को 2001 में संसद पर हुए आंतकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। बता दें कि 16 साल पहले आज ही के दिन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने भारत की संसद पर हमला किया था।

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इस हमले में दिल्ली पुलिस के 6 जवान, 2 पर्लियामेंट सिक्योरिटी सर्विस पर्सोनेल के जवान, 1 माली समेत 14 लोगों की जानें गईं थी। इस हमले में सुरक्षाबलों ने 5 आतंकियो को मार गिराया था। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रविशंकर प्रसाद, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी समेत सभी दलों के नेताओं ने संसद पहुंच कर इस हमले में शहीद हुए लोगों को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि की। प्रधानमंत्री मोदी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, स्पीकर सुमित्रा महाजन समेत कई सांसदों, अध‍िकारियों और सैनिकों ने मौन रख कर संसद हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। 

गुजरात विधानसभा में एक दिन पहले एक दूसरे पर जुबानी तीर छोड़ रहे पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष चुने गए राहुल गांधी बुधवार को ‘एकजुट’ थे। केवल मोदी और राहुल ही नहीं बल्कि सरकार और विपक्ष, दोनों में ही आज एकता नजर आई।  इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से एक संक्षिप्त मुलाकात भी की। गुजरात चुनावों के दौरान फिलहाल देश के दो सबसे बड़े दल, बीजेपी और कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर हमलावर हैं। कई बार भाषायी मर्यादाएं भी टूट रही हैं। इन सब तल्खियों की बीच लोकतंत्र के मंदिर पर दिखी एकजुटता खुद में बहुत खास है। इस एकजुटता ने एक बार फिर दिखाया कि देश संसद पर हुए हमले को नहीं भूला है और कठिनाई के ऐसे पलों में तब भी एक था, आज भी एक है और कल भी एक रहेगा। 

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